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Virasat-e-Rasoolallah ﷺ, Moula Ali Aur Aulad-e-Ali alaihissalam (Hindi)-Islamic book

(12 customer reviews)

Original price was: ₹1,999.00.Current price is: ₹1,050.00.

Description

विरासत ए रसूलल्लाह

हज़रत मौलाअली अलैहिस्सलाम , हज़रत फ़ातेमा अलैहिस्सलाम 

हज़रत ईमाम हसन अलैहिस्सलाम , हज़रत ईमाम हुसैन अलैहिस्सलाम 

(Virasat-e-Rasoolallah ﷺ, Moula Ali Aur Aulad-e-Ali alaihissalam)

The Reality of Islam

हमारी ये किताब विरासते रसूल ﷺ व मौलाअली व औलादे अली हुज़ूर अक़दस ﷺ से मौलाअली और ईमाम नक़ी अली अलैहिस्सलाम तक दस ईमामों के हालात बयान करती है |

ये किताब लिखने का मतलब ये है के हुज़ूरे अक़दस ﷺ के हयाते ज़ाहिरी से पर्दा फरमाने के बाद जो हालात पैदा हुए और हर तरफ अफ़रा तफ़री फैली, सादात कराम और दीगर सहाबा ए उज़्ज़ाम पर जो ज़ुल्म हुआ, उसकी पूरी दास्तान है |

हुज़ूर अक़दस ﷺ के बाद हज़रत अबु बकर सिद्दीक़ रज़ि अल्लाहो तआला अन्हु ख़लीफ़ा हुए, उनके बाद हज़रत उमर रज़ि अल्लाहो तआला अन्हु फिर हज़रत उस्मान ग़नी रज़ि अल्लाहो तआला अन्हु ख़लीफ़ा मुक़र्रर हुए, उनको भी शहीद कर दिया गया |

हज़रत उस्मान ग़नी रज़ि अल्लाहो तआला अन्हु के विसाल के बाद बेहद नाज़ुक हालात पैदा हो गए थे, बनी उमैया की साज़िशों से ईस्लाम बादशाही हुकूमत की तरफ माएल होने वाला था, मौला ए क़ाएनात हज़रत अली मुर्तज़ा करम अल्लाहो वजहु क़ुरआन करीम की आयतों को जमा करने में लगे हुए थे, ईबादात व रियाज़ात में मशग़ूल थे |

तब बड़े बड़े सहाबा ए कराम आपके पास आए और ईस्लाम की बागडोर संभालने को कहा, आपने साफ़ इंकार कर दिया शुरा बुलाया गया और काफ़ी इसरार के बाद आपने ये ज़िम्मेदारी क़ुबुल की और बिलईत्तेफ़ाक़ शुरा आप अमीर-उल-मोमेनीन मुन्तख़ब हुए |

ईस्लाम में ख़ुद पसन्दी और मनमानी करने से लोगों को रोका, कई जंगें लड़नी पड़ी, बनी उमैया की तमाम साज़िशों को आपने नाकाम कर दिया, जंगों में हज़ारों सहाबी ए रसूल ﷺ शहीद हुए और अपनी जानें क़ुरबान करके ईस्लाम को सही प्लेटफ़ार्म अता किया |

लेकिन जुँही मौला ए क़ाएनात हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत हुई फिर साज़िशें शुरू हुई, बनी उमैया चैन से ना बैठे, जब शुरा ने हज़रत ईमाम हसन अलैहिस्सलाम को अमीर-उल-मोमेनीन मुन्तख़ब किया, तो बनी उमैया यानि अमीर मुआविया के मानने वालों ने पॉलिसी से उनको भी ख़ारिज कर दिया |

अमीर मुआविया ख़ुद अमीर-उल-मोमेनीन बन बैठे, शुरा को पूछा तक नहीं, चुँके हज़रत ईमाम हसन अलैहिस्सलाम बड़े ही रहम दिल और नाज़ुक मिज़ाज थे, उनको ये गवारा ना हुआ के हज़ारों मुसलमानों का नाहक़ ख़ून बहा जाए, इसलिये उन्होंने अमीर मुआविया से सुलह कर ली और औहदा ए ख़िलाफ़त से आप दस्त बरदार हो गए, अमीर मुआविया ने हज़रत ईमाम हसन अलैहिस्सलाम का वज़ीफ़ा एक साल तक बन्द कर दिया ।

अलग़र्ज़: मैंने इस किताब में सारी तफ़्सीलात ज़िक्र कर दी है, जिससे आपको मालूम हो जाएगा के ईमाम मज़लूम और दीगर अहले बैते अतहार के साथ क्या सुलुक हुआ, और कैसे कैसे ज़ुल्म ओ ज़्यादती उन पर हुई है,

मगर अहले बैत जिसकी आबयारी की ख़बर ख़ुद रसूल ए क़ाएनात फ़ख़्र ए मौजूदात ﷺ ने दी है वोह कैसे नेस्त ओ नाबुद हो सकता है, लाख कोशिश हुई मगर ये ख़ानवादा हमेशा अपने मक़सदे अज़ीम (दीन ए ईस्लाम की ईशाअत व तब्लीग़) में सरगर्दां रहा, यही वजह है अभी इस पुरफ़ितन दौर में भी ईस्लाम अपने पूरे वजूद के साथ बरक़रार है, और नबी पाक ﷺ के चश्म ओ चराग़ इस मिशन में हमेशा मुन्हिमक नज़र आते हैं ।

विरासत ए रसूलल्लाह

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हज़रत मौलाअली अलैहिस्सलाम, हज़रत फ़ातेमा अलैहिस्सलाम

हज़रत ईमाम हसन अलैहिस्सलाम, हज़रत ईमाम हुसैन अलैहिस्सलाम

Book Details:

  • मुसन्निफ़ :- पीर तरीक़त सैय्यद बदरेआलम अहमद अली बुख़ारी
  • Board Book Pages: 480 pages
  • Item Weight: 800 g

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The palatability of the book is that the writer has strengthened and made it more fruitful by keeping at its background many standard and authentic books.

The descriptions that are given in the book are from authentic and absolutely reliable sources. Therefore, this book is really a gem and is praise-worthy.

Additional information

Weight 0.900 kg
Language

English, Hindi, Urdu

12 reviews for Virasat-e-Rasoolallah ﷺ, Moula Ali Aur Aulad-e-Ali alaihissalam (Hindi)-Islamic book

  1. MUSADDIQ NARMAWALA

    MASHAALLAH ALHAMDOLILLAH
    HAMKO PEER O MURSHEED BADREALAM BAWAJAN NE “ANMOL TOHFA” DIYA HAI.
    HAM HINDUSTAN ME REHNEVALE MUSALAMANON KE LIYE YE NAYAAB KITAB HAI.
    ISLAM KI HISTORY KO JANNE AUR SAMAZNE KE LIYE YE BAHUT HI ANMOL HAI
    JAZAKALLAH KHAIR BAWAJAN

  2. Shabbir Mehsania

    Masha Allah, The book explains the true facets of Islam in a very easy to understand language.
    It’s a Blessing to get the book from our Peer o Murshid.

  3. Furkan Jambusarwala

    Superb , Best ever book I have read, clear & transparent,
    Request Must Read

  4. MUSADDIQ NARMAWALA

    MASHAALLAH

  5. Furkan Jambusarwala

    Best ever book, I have read,
    Clear & Transparent, Heartly Thanks To Saiyed BadreAlam Sahab for giving Precious Truth Hidden Information.
    Request : Must Read

  6. MOHAMMAD AADIL Pirzada

    The reality of Islam
    This is a true read if you want to learn more About the Life of the Holy Prophet Mohammed (Sallallahotaala alay hi wasallam) and the Lineage of Prophet(Sallallahotaala alay hi wasallam)
    I am feeling very happy that I got this book.
    If you want to know the Real Sufism and Real History of Islam with Authentic resources then I think you should read this book.
    I am thankful of Peer Saiyed BadreAlamBukhari Shab .

  7. Aariz lightwala

    Alhamdolilah
    Nice Islamic information
    It’s helps a lot to improve our Islamic life
    Thanks to peer e tarikat for this

  8. Khalid Parmar

    MashaAllaH Nice Book

  9. Khamarjaha

    Mashallah
    Subhanallah
    We know the real history of our prophet Muhammad sallallahu alaihi wasallam and ahle baith
    Jazakallah for this precious books

  10. Makhdoom Merchant

    MashaAllah
    “I have No more words to say”
    But
    More Precious than Gold & Silver for us & our generation’s till kayamat for knowledge of real history of Islam

  11. Sayed Zahir Ali

    *A must have book in the collection at home. It gives us great knowledge about Maula e kainaat and all the Imams. It’ll fill your heart with love and respect of Rasullallah s.a.w. and Aal-e-Rasul A.s.

  12. Muzzammil shaikh

    Ye book hi di me available hai kya??

    • Faizan Ali (verified owner)

      Yes available

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